दिल्ली के एनजीओ के साथ सीतामढ़ी रेड लाइट एरिया में पुलिस की छापेमारी से मचा हड़कंप
We News 24», सीतामढ़ी, बिहार
असफाक खान की रिपोर्ट
सीतामढ़ी: शहर से सटे खजूरबनी के नाम से मशहुर जिसे लोग बोहा टोला के भी नाम से जानते है यंहा कई दशक से देह व्यपार का काम धड़ल्ले से चल रहा है .यंहा लड़कियों को बहला-फुसलाकर लाया जाता है और जिस्म फरोसी के धंधे में घकेल दिया जाता है .गौर करने वाली बात है की इतना बड़ा जिस्म फरोसी का मंडी चलाने वाले कौन लोग है और किसके सह पर चलता और किसका सरंक्षण है यह एक बड़ा सवाल है अभी बीते कल की बात है .दिल्ली की एक NGO जिसका नाम उजाला है .
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उसकी शिकायत पर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है. पुलिस ने स्पेशल टीम बनाकर रेड लाइट एरिया में छापा मारा और मौके से 6 युवतियों के साथ ही 6 दलालों को गिरफ्तार किया. इससे पहले भी नवंबर 2018 में दिल्ली के एक NGO के शिकायत पर आरक्षी अधीक्षक छत्रनील सिंह के निर्देश पर एसडीपीओ कुमार वीर धीरेंद्र के नेतृत्व में छापेमारी कर सात नाबालिग लड़कियों के साथ महिला दलाल चुन्नी खातून को भी पुलिस ने मौके से धर दबोचा उसके बाद भी बदस्तूर यंहा पर जिस्म फरोसी का धंधा चल रहा है .जिससे पुलिस की भूमिका पर भी बड़ा सवाल उठ रहा है
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सूत्रों के मुताबिक, बोहा टोला में भी देह व्यापार का धंधा बदस्तूर जारी है.और ऐसा भी नहीं है की स्थानीय पुलिस को इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन पुलिस धंधेबाजों पर कारर्वाई क्यों नही करती, यह एक बड़ा है. पुलिस इस प्रकार के अभियान रेडलाइट एरिया रेगुलर क्यों नहीं चलाती क्यों बार-बार किसी NGO को आगे आना पड़ता है
अगर पुलिस अपना काम ईमानदारी पूर्वक करती तो यह जिस्म फरोसी की मंडी कब का बंद हो जाता और देह व्यापार का यह धंधा बेखौफ संचालित नहीं होता बताया जाता है कि इसमें कई सफेदपोश लोगो का भी अप्रत्यक्ष तौर पर धंधे को गति देने में पीछे नहीं हैं.
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ऐसा रेड कई बार पर चुका उसके वावजूद भी कारोबार chl raha है
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